RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -01-Mar-2023

प्रेम रंग

प्रेम रंग ऐसा चढ़ा संजनी पर
छोड़कर चली लोक लाज का रंग
प्रेम रंग ऐसा चढ़ा संजनी पर 
रोक बैठी सांसों को कह यमराज से
संजनी पिया दर्शन को अभी है ठहरी
प्रेम रंग ऐसा चढ़ा संजनी पर 
आंसू की धार रोक अभी दिल को 
थाम कृष्ण की मुरली बन बस लवों को
खोज रही है, संजनी की गिरती शाम
प्रेम रंग ऐसा चढ़ा संजनी पर
कौन खोजें अब मोहब्बत का रस्ता। 
           राखी सरोज
            नई दिल्ली 

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12 Comments

Varsha_Upadhyay

02-Mar-2023 06:27 PM

बेहतरीन

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RAKHI Saroj

03-Mar-2023 12:41 AM

धन्यवाद आपका मैम

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Ajay Tiwari

02-Mar-2023 08:47 AM

Very nice

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RAKHI Saroj

03-Mar-2023 12:40 AM

धन्यवाद आपका

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Punam verma

02-Mar-2023 08:10 AM

Very nice

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RAKHI Saroj

03-Mar-2023 12:40 AM

धन्यवाद आपका

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